Friday 12 August 2011

वादियो की सफर ...

हमदम मेरे मान भी जाओ ।
साथ चलो, ये नजारो की सेर करे  ॥
बुलाते है ये झरने ये वादीयाँ ।
चलो आओ उन्हे मिलके आये ॥

देखो वो झुमते हुये बादल ।
परबत पे कितने महेरबाँ है !!
छाँव देते  है बरस जाते है ।
अपने अंकमे भर भर लेते है॥
उनकी मुहोब्बत को एक नजर देख ले ।
चलो आओ उन्हे मुबारकबादी दे के आये ॥

झुमती हुइ वादियाँ कोहरोमे ढकी हुइ है ।
हरियाली सारी हसती हुइ मस्तीमे झुम रही है ॥
दुनियाकी नजरोसे छुपाके देखो ।
कोहरा कैसे वादियोसे लिपटा हुआ है॥
उनकी मुहोब्बतसे अपना मन तृप्त कर ले ।
चलो आओ उनके प्याરर्को उजागर करके आये ॥

हमदम मेरे मान भी जाइये ।
साथ चलो , ये नजारोकी सैर करे .॥
        ......Saral Sutaria......

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