लो , जमानेकी थपेडो से अपनेआप को बचाओ री
बदलते रिश्तो से सखी ना घबराओ री
दुनिया बदलती है और बदलते है इन्सान भी
इस तरह रो रोके अपनेआप को ना मिटाओ री
बदलते रिश्तो से सखी ना घबराओ री
दुनिया बदलती है और बदलते है इन्सान भी
इस तरह रो रोके अपनेआप को ना मिटाओ री
...........सरल सुतरिया..........
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