Sunday 11 September 2011

मधुरी यादे.....


एक लम्हा गुझर गया तुम्हे याद करते करते ,
वो चांदनी राते वो तेरी मधुर मधुर बाते ,
वो खिलखिलाके हसना वो तेरा मधुर मुश्कुराना ,
वो मुडके संभल जाना वो तेरा फिसल फिसल जाना ,
वो तिरछी नझर से तेरा छुप छुप के तीर चलाना ,
वो  झुल्फो का लेहराना वो तेरी  नजरो का शरमाना ,
वो बात बात पे तेरा जुठ-मुठ का रूठ जाना ,
वो रूठ के मान जाना वो दिल को समजाना
 एक लम्हा गुझर गया तुम्हे याद करते करते ,
वो चांदनी राते वो तेरी मधुर मधुर बाते ॥
.................सरल सुतरिया...........

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