इन हवाओं ने छुआ मेरा आंचल देखो कैसे लहरा रहा हैं
सूरज ने भी कि हलचल देखो कैसे गदरा रहा हैं
पानी में चल रही नाव भी डोलने लगी
सूरज ने भी कि हलचल देखो कैसे गदरा रहा हैं
पानी में चल रही नाव भी डोलने लगी
सरिता में भी उफान आ रहा हैं
.......(सरल सुतरिया )
.......(सरल सुतरिया )
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