Sunday, 12 August 2012

इन हवाओं ने छुआ मेरा आंचल देखो कैसे लहरा रहा हैं
सूरज ने भी कि हलचल देखो कैसे गदरा रहा हैं
पानी में चल रही नाव भी डोलने लगी
सरिता में भी उफान आ रहा हैं

.......(सरल सुतरिया )

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