Monday 25 April 2016

एक नंदगांव का छोरा
एक राधा रानी गोरां
होली खेलत श्याम के संग
बरसाना की बाला
एक नंदगांव का लाला

शरमीली गोरी घुंघट निकाले
मुंह छुपाये बलि बलि जाये
करी बरजोरी पकड ली गोरी
मोरपींछ रंग डारा
एक नंदगांव का लाला

ना ना करते डारत अंग अंग
पिचकारी मे भर भर रंग
भिगोय दियो सर पाँव तलक सब
शरम से लाल लाल राधा
एक नंदगांव का लाला

अटपट बात उलझाके कान्हा
अंखिया मारे सताय संग ग्वाला
सररररररर भर पिचकारी मारी
धन धन भाग मेरो जागा
एक नंदगांव का लाला

सरला सुतरिया


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