Friday 24 June 2011

याद है मुजे आज भी

याद है मुजे आज भी वो तेरा शरमाके मुँह छुपाना
वो चाँद से चेहरे पे हसीं झुल्फो का लेहराना
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वो तेरी मीठी सी बाते वो तेरा हँसना हसाना
वो आंचल के परदे मे शरमाके छुप छुप जाना
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वो तिरछे नयन से वार करके बतियाना
वो मीठी सी मुश्कान को बिखेरते चले जाना
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वो उंगलियो से मेरे सर को सहलाना
वो प्यारा सा पागल सा दिल तेरा  दिवाना
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कहा छुपे हो अब आओ मुजे सम्हालो
मेरे भटकते मनको एक विरामपे पहुंचाओ
.......सरल सुतरिया .....

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